हर साल की तरह, इस साल भी 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने लोकसभा में देश का बजट पेश किया है। लेकिन इतनी सारी आर्थिक शब्दावली और आंकड़ों के बीच आम आदमी के लिए यह समझना मुश्किल हो जाता है कि आखिरकार बजट से उनकी जेब पर क्या असर पड़ेगा। इसलिए, हम आपके लिए बजट 2024 के कुछ मुख्य बिंदुओं को सरल हिंदी में समझाने की कोशिश कर रहे हैं|

  • इनकम टैक्स में छूट: बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव हो सकते हैं। इससे कुछ लोगों को टैक्स में छूट मिल सकती है, खासकर मध्यम वर्ग को कुछ राहत मिल सकती है।
  • महंगाई से राहत: सरकार महंगाई कम करने के लिए कुछ उपाय कर सकती है। जैसे, जरूरी सामानों पर टैक्स कम करना या आयात शुल्क घटाना। इससे आपकी रोजमर्रा की खरीदारी थोड़ी सस्ती हो सकती है।
  • बुनियादी सुविधाओं पर खर्च: सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में ज्यादा पैसा खर्च कर सकती है। इससे इन क्षेत्रों में सुधार हो सकता है और लोगों को लाभ मिल सकता है।
  • इनकम टैक्स में परिवर्तन: नए टैक्स स्लैब से कुछ लोगों को फायदा हो सकता है, लेकिन कुछ को नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, अपने टैक्स की स्थिति को ध्यान से समझें।
  • ईंधन के दाम: बजट में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में बदलाव हो सकता है। इससे इनके दामों में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है।
  • अन्य अप्रत्यक्ष कर: बजट में कुछ अन्य अप्रत्यक्ष करों, जैसे कि GST में भी बदलाव हो सकते हैं। इससे कुछ सामानों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
  • आर्थिक सुधार और वृद्धि: सरकार आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उपायों की घोषणा कर सकती है, जैसे कि बुनियादी ढाँचे पर खर्च बढ़ाना, विदेशी निवेश को बढ़ावा देना और कर सुधार करना।
  • रोजगार सृजन: रोजगार सृजन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बजट में स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन, कौशल विकास और निर्माण क्षेत्र में निवेश बढ़ाने जैसे उपायों की घोषणा की जा सकती है।
  • महंगाई नियंत्रण: लगातार बढ़ती महंगाई एक चिंता का विषय है। बजट में आवश्यक वस्तुओं पर शुल्क कम करने और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार जैसे उपायों की घोषणा की जा सकती है।
  • कृषि: कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि ऋणों पर ब्याज सब्सिडी, सिंचाई परियोजनाओं में निवेश और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने जैसे उपायों की घोषणा की जा सकती है।
  • सामाजिक कल्याण: सरकार गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ा सकती है।