महात्मा गांधी, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी और राष्ट्रपिता, की 30 जनवरी, 1948 को दिल्ली में नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी मृत्यु ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया और भारत के इतिहास में एक काला अध्याय जोड़ दिया। उनकी मृत्यु ने पूरे देश को शोक की लहर में डुबो दिया और पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली, लेकिन विभाजन के कारण देश सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस रहा था। गांधीजी शांति और सद्भाव स्थापित करने का प्रयास कर रहे थे, तभी 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे नामक एक हिंदू अतिवादी ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
गांधी जी की मृत्यु का भारत के इतिहास पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनकी शहादत ने देश को एकजुट किया और स्वतंत्रता की ज्वाला को और भड़का दिया। उनकी अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों ने दुनिया भर के नागरिक अधिकार आंदोलनों को प्रेरित किया।
एक अहिंसक क्रांति का अंत
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। महात्मा गांधी ने अपने पूरे जीवन में अहिंसा और सत्य को अपना हथियार बनाकर भारत को आजादी दिलाने का प्रयास किया। उनके सत्याग्रह आंदोलन ने पूरे विश्व को प्रभावित किया और उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई को एक नया आयाम दिया। उनकी शहादत ने भले ही उनके भौतिक रूप को समाप्त कर दिया, लेकिन उनके आदर्श और विचार आज भी प्रासंगिक हैं। दक्षिण अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के साथ भेदभाव का सामना करने के बाद, उन्होंने अहिंसा और सविनय अवज्ञा के सिद्धांतों को विकसित किया। सत्याग्रह के माध्यम से अन्याय के खिलाफ लड़ने का उनका तरीका भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरणा बन गया। गांधीजी ने भारत में असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे ऐतिहासिक आंदोलनों का नेतृत्व किया। उन्होंने नमक सत्याग्रह और दांडी मार्च जैसे प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी। उनकी सादगी, सत्यनिष्ठा और अहिंसा के प्रति अटूट विश्वास ने लाखों लोगों को प्रेरित किया और भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।राष्ट्र का शोक
गांधी जी की मृत्यु से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। लाखों लोगों ने उनके अंतिम दर्शन के लिए शोक सभाओं में भाग लिया। उनकी शहादत ने भारत को एकजुट किया और स्वतंत्रता की ज्वाला को और भड़का दिया।गांधीजी की मृत्यु पूरे देश के लिए एक गहरा आघात था। उन्हें राष्ट्रपिता के रूप में सम्मानित किया जाता है और उनकी विरासत आज भी प्रासंगिक है। अहिंसा, सत्य और सत्याग्रह के उनके सिद्धांत दुनिया भर में संघर्षरत लोगों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। उनकी शहादत ने हमें शांति, सद्भाव और न्याय के लिए लड़ने की शपथ लेने के लिए प्रेरित किया।गांधी जी की मृत्यु का भारत के इतिहास पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनकी शहादत ने देश को एकजुट किया और स्वतंत्रता की ज्वाला को और भड़का दिया। उनकी अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों ने दुनिया भर के नागरिक अधिकार आंदोलनों को प्रेरित किया।
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